Saturday, November 6, 2010

पप्पू ने लौटा दिया रानी के मुकुट का मोती --


           पप्पू ने लौटा दिया रानी के मुकुट का मोती

      परीलोक की रानी को आसमान से नीचे झांककर धरती को देखना बहुत अच्छा लगता था | एक बार की बात है रानी आसमान से नीचे नीले नीले समुद्र को देख रही थी तो उसके मुकुट का मोती नीचे समुद्र में गिर गया और एक सीपी में बंद हो गया |

     वहाँ एक गोताखोर रहता था | उसका नाम पप्पू था | वो रोज़-रोज़ समुद्र में डुबकी लगाकर सीपी खोजता और जब उसे सीपी मिल जाती तो उसे बेच देता था और उसके खाने कि तैयारी हो जाती थी | एक दिन पप्पू समुद्र में सीपी खोजने गया और वो गोता लगाते रहा , लगाते रहा , पर उसे कोई सीपी नहीं मिली | गोता लगाते लगाते शाम हो गई | थककर चूर पप्पू हैरान-परेशान हो गया | उसने अपने मन में सोचा की अब मैं क्या करूँ ?  फिर उसने शंकर भगवान का नाम लेके एक आखरी बार डुबकी लगाई और उसे चट्टान के पास पड़ी एक सीपी मिली , तो पप्पू खुश हुआ | उस वक्त रात हो चुकी थी और उस रात पप्पू  ने सोचा कि – मैं इस सीपी को कल बेच दूंगा और आज मैं भूखे पेट ही सो जाता हूँ |

     रात को जब पप्पू भूखे पेट सोने की तैय्यारी कर रहा था तो दो बौने आए और पप्पू से कहने लगे कि – तुम हमें अपना सीपी दे दो | हम तुम्हें मूं मांगी कीमत देंगे | तभी पप्पू के कान में सीपी का मोती कहने लगा – मुझे मत बेचो , मुझे मत बेचो | तो पप्पू ने उन बौनों को मना कर दिया | तो फिर वो बौने पप्पू को छड़ियों से पीटने लगे | तो पप्पू ज़ोर , ज़ोर से चिल्लाया तो आस-पास के गाँव वाले आ गए , फिर वो बौने वहाँ से भाग गए | बौनों के भागने के बाद पप्पू ने तुरंत सीपी खोली तो देखा कि उसके अंदर एक मोती है | उसने मोती से पूछा – तुमने ही मेरे कान में वो सब बातें बोली थीं न ?| सीपी के मोती ने बोला – हाँ , मैंने ही तुम्हारे कान में वो सब बातें बोली थीं | तो पप्पू ने पूछा – तुमने वो सब बातें मेरे कान में क्यों बोली थीं ? | तो फिर मोती ने जवाब दिया कि –   वो बौने एक राक्षस के हुक्म को मानते हैं और अगर तुम मुझे उन बौनों को दे देते तो वो मेरी शक्ति का गलत इस्तेमाल करते | मैं परीलोक की रानी के मुकुट का जादुई मोती हूँ | सुबह जब परीलोक की रानी आपके गाँव को देख रहीं थी तो मैं उनके मुकुट से गिरा और उस सीपी में बंद हो गया था | पप्पू बहुत मेहनती और ईमानदार था | इतना कीमती और सुन्दर मोती देखने के बाद भी उसके मन में लालच नहीं आया | उसने मोती से पूछा – तुम वापस उस मुकुट में कैसे लग सकते हो ? | मोती बोला कि – तुम मुझे आसमान में फेक दो मैं अपने आप मुकुट में लग जाऊँगा | जैसे ही पप्पू ने मोती को आसमान में फेका , बादलों के बीच परीलोक की रानी के मुकुट में मोती जा लगा और पप्पू बहुत खुश हुआ |
                        
                                                सिद्देश पाण्डेय     
                                                          
                                             

Wednesday, September 29, 2010

मैंने स्कूल में और घर में क्या किया


पहले स्कूल में –
              मैंने मंडे को स्कूल में शैतानी की , मुझे बहुत मज़ा आया  , मैंने स्कूल की रिसेस में एक मस्त गेम खेला उसका नाम है    आम लेलो   | ये बहुत बड़ा गेम है | और , मैं स्कूल की छुट्टी में बहुत खुश हुआ | मैंने अपने स्कूल में बहुत शैतानी की | उसके बाद दुसरे दिन मैंने स्कूल में बहुत पढ़ाई की और मस्ती की , और उस दिन मैंने स्कूल में मैथ्स , कंप्यूटर  , ई . वी . एस , इंग्लिश , होमवर्क , जी . के , हिंदी का सारे सब्जेक्ट्स का बहुत रिविज़न किया | मैंने स्कूल में हाफ़ ईयरली एक्ज़ाम दिया |

दूसरा घर में –
             मैंने  घर में बहुत पढ़ाई की , और मैंने टीवी में बहुत अच्छे – अच्छे प्रोग्राम देखे | और बहुत मिर्ची भरा खाना खाया | मैं दिन में अपनी मम्मी के साथ मारकेट घूमा | और ताश का गेम खेला | फिर मैंने अपने भैया को Gmail  भेजा | फिर मेरा सर बहुत दर्द दिया तो मैंने बाम लगा लिया | मैंने घर में खूब शैतानी और धमा चौकड़ी की , फिर मैं अपने चाचा को मिलने माना गया वहाँ मैंने अपनी छोटी बहन को बहुत खिलाया | और आख़री में मैं अपनी मौसी को मिलने टैगोर नगर गया इसी से मेरा दिन समाप्त हुआ |
                                  शुक्रिया
                                                                       सिद्देश पाण्डेय

Are you know computer was made in 1982 ?

We all know about computer but the first calculating device was ABACUS. It was first used by Chinese. Then Difference Engine was made by Charles Babbage in 1821, to prepare mathematical tables. It had many similarities with the modern computers. Then MARK I was made. It was the first automatic digital computer. It was made in 1944. Then ENIAC was made. It was the first general – purpose computer. It used vacuum tubes. It was very large in size. Then UNIVAC – I was made in 1951. It was faster than the previous computers. Then Modern computers are made in 1982. They are called personal computers or PCs. These computers are faster than the earlier ones and are also cheaper and smaller in size.
Thanking You
Siddesh Pandey

Thursday, September 9, 2010

क्या आप लोग जानते हैं की कोई बाहरी कुत्ते को पालने से आप को कितनी खुशी होती है ?


आप सब लोग जानते होंगे की बाहरी कुत्तों को घर में  पालना चाहिए , मैं  आप लोगों को ये बताना चाहता हूँ कि पहली बार वो गली का कुत्ता एक पिल्ला था और सब बड़े कुत्ते उसको परेशान करते थे और मारते थे तो मैंने सोचा की उस पिल्ले को थोड़ा सा पानी पिला देता हूँ और एक रोटी खिला देता हूँ तो वो कुत्ता मेरे पीछे ही पड़ गया तो मैंने सोचा की उसको रोज रोटी खिलाऊँगा तो फिर ऐसे करते – करते पांच साल हो गए और वो कुत्ता बड़ा हो गया तो मैंने सोचा कि उसका एक नाम भी रख देते हैं और मैंने उसका नाम   ढोलू रखा और फिर एक दिन वो लंगड़ा के चल रहा था तो मैंने सोचा कि ढोलू को कुछ नहीं हुआ है तो मैने ध्यान नहीं दिया फिर में जब अपना काम करके घर आया तो ढोलू मेरे घर के सामने वाले दरवाजे पर बैठा हुआ था और उसके पैर से खून निकल रहा था तो मैने ढोलू को तुरंत अस्पताल ले गया और थोड़ी देर बाद ये खबर आई कि मेरे ढोलू का खाली एक पांव में थोड़ी सी चोट आई है , तो फिर मैने चैन की सांस ली और मेरा प्यारा ढोलू बच गया उस वक्त मैंने सोचा की बाहरी कुत्ते भी बहुत अच्छे होते हैं और एक बार की बात है मेरे को कुछ गुंडे छेड़ रहे थे तो मेरे कुत्ते ने ही मेरी जान बचाई थी |
                         शुक्रिया
                                         सिद्देश पाण्डेय      

Sunday, August 29, 2010

Are you a online game player ?

We play online because we want to install many games and we don't install because the antivirus stop the installation so we will play online  first I don't know about online and I play the game that I download . Then I start playing online and then slowly the virus come and defeat my computer so I want to format my computer.Then I thought that online games are very dangerous to our computers and that day to today I stop playing online games . My first favourite game was Need For Speed Most Wanted then I play it , play it and play it . I was in the blacklist 3 I defeat the 12 blacklists and when I was going in blacklist 3 I was very excited then I play it and my race is complete then my boundary is also complete then I don't complete the milestone I had done only 2 milestone and I want to do 5 means three more and I play it and doesn't complete the milestone then my dada came and he do the milestone but he also doesn't do the milestone so I was very sad and I delete the game because I doesn't do the milestone and I am very , very sad from that day  to today and I thought that games are very bad . Then I start playing the card game and I trained my mind very sharp . I am saying you to all that don't play online because it send many virus , so not play any game . You can play cards game because it is a mind training game .
                                                                    Thanking you
                                                                                                                        Siddesh Pandey

Saturday, August 28, 2010

Are you a solitaire card master game player ?

We all like solitaire game because it is a card game and he trained our mind that's why I like the game . My nana is a solitaire game master first time he don't like any game but I told him that it is a mind traning game and I show him how to play and then my nana try it and that day to today he become a solitaire master first I was the master of the game and then my nana play it , play it and play it . Then he become a very , very , good master of the solitaire game . I love my nana very much and then I think to make a blog and write about solitaire related to my nana . My nana  sharp his mind and become the highest solitaire champion  of the level who never thoughts . He is the first who likes to play solitaire and then he start playing spider solitaire he become the master of  spider solitaire also . He is the greatest man who likes me very , very  , much and I also like my nana very , very , much.
                     
                                                                           Thanking you
                                                                                                                      Siddesh Pandey